Friday, December 6, 2024
HomeCovid19सुप्रीम कोर्ट ने लगाई दिल्ली को फटकार, कहा - COVID-19 मरीज़ों से...

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई दिल्ली को फटकार, कहा – COVID-19 मरीज़ों से हो रहा है जानवरों से बदतर सलूक

Date:

Related stories

Fake Electro-Homeopathy Degree Racket Busted in Gujarat: 13 Arrested, 10 Fake Doctors Identified

A fraudulent Bachelor of Electro-Homeopathy Medicine and Surgery (BEMS)...

Gujarat Schools Face Challenges in Generating Apaar IDs Due to Aadhaar Name Discrepancies

Gujarat schools are facing significant challenges in creating Apaar...

Urvil Patel Breaks Record with Fastest T20 Century by an Indian in Syed Mushtaq Ali Trophy

Urvil Patel's Historic Knock Gujarat's wicketkeeper-batter Urvil Patel made history...

Madhya Pradesh CM Mohan Yadav Lauds GIFT City and Gujarat’s Digital Governance Initiatives

Chief Minister Mohan Yadav has emphasized the significance of...

Gujarat CM Bhupendra Patel Inaugurates ‘Bharat Cool’ Festival to Celebrate Indian Culture and Heritage

Gujarat Chief Minister Bhupendra Patel inaugurated the 'Bharat Cool'...
spot_imgspot_img

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के उपचार और अस्पतालों में कोरोना संक्रमित शवों के साथ गलत व्यवहार को लेकर सुनवाई करते हुए कहा कि शवों के शाथ अनुचित व्यवहार हो रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के उपचार और अस्पतालों में कोरोना संक्रमित शवों के साथ गलत व्यवहार को लेकर सुनवाई करते हुए कहा कि शवों के शाथ अनुचित व्यवहार हो रहा है. कुछ शव कूड़े में मिल रहे हैं. लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मीडिया ने इस तरह की रिपोर्ट दिखाई हैं. बता दें कि कोर्ट ने खुद इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस  एम आर शाह की पीठ को सौंपी है. कोर्ट ने इस मामले पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली और इसके अस्पतालों में बहुत अफसोसजनक स्थिति है. एमएचए दिशानिर्देशों का कोई पालन नहीं हो रहा है. अस्पताल शवों की उचित देखभाल नहीं की जा रही है. यहां तक कि कई मामलों में मरीजों के परिवारों को भी मौतों के बारे में सूचित नहीं किया जाता है. परिवार कुछ मामलों में अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए हैं.

कोर्ट ने कहा कि मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में लॉबी और वेटिंग एरिया में शव पड़े थे. वार्ड के अंदर, ज्यादातर बेड खाली थे, जिनमें ऑक्सीजन, सलाइन ड्रिप की सुविधा नहीं थी. बड़ी संख्या में बेड खाली हैं, जबकि मरीज भटकते फिर रहे हैं. कोर्ट ने इस मामले के लिए केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है.

कोर्ट ने दिल्ली के साथ साथ महाराष्ट्र और तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है साथ ही दिल्ली के LNJP अस्पताल को भी नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने मुख्य सचिवों को मरीजों के प्रबंधन प्रणाली का जायजा लेने और कर्मचारियों, रोगी आदि के बारे में उचित स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर टेस्टिंग को लेकर उठाए सवाल हैं. कोर्ट ने कहा कि चेन्नई और मुंबई के मुकाबले मामले बढ़े. कोर्ट ने पूछा कि टेस्टिंग एक दिन में 7000 से 5000 तक कम क्यों हो गई है? जबकि मुंबई और चेन्नई में यह टेस्टिंग 15 हजार से 17 हजार हो गई है. दिल्ली सरकार ने खुद संकेत दिया है कि COVID रोगियों के परीक्षण की संख्या कम हो गई है.  जो भी अनुरोध करता है उसके अनुरोध को तकनीकी आधार पर टेस्टिंग  से इनकार नहीं किया जा सकता है. .सरकार प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार करे ताकि अधिक से अधिक टेस्ट  किए जा सकें. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के अलावा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में गंभीर स्थिति है.

Subscribe

- Never miss a story with notifications

- Gain full access to our premium content

- Browse free from up to 5 devices at once

Latest stories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here